काव्य-1 आराधना
कवि- वसंत बापट
कवि परिचय
श्री वसंत बापट ख्यातनाम कवि है,आपका जन्म महाराष्ट्र के सतारा जिले के कराड गांव में हुआ था । पुणे आप की कर्मभूमि है। राष्ट्र सेवा दल में आप अग्रणी है । व्यवसाय से प्राध्यापक रहे आपके कार्यों में राष्ट्रभक्ति समाज जागरण एवं मानवीय संवेदनाएं व्यक्त हुई है सेतु, बिजली ,शकीना ,अकरावी (ग्यारहवीं) दिशा ,तेजसी आपकी रचनाये है।
काव्य परिचय
प्रस्तुत कविता मराठी के वरिष्ठ कवि वसंत बापट की मराठी रचना का हिंदी अनुवाद है ।
प्रस्तुत प्रार्थना में सत्यम शिवम सुंदरम की भावना के साथ दीन- दुखियों की रक्षा करना, मानवता की उपासना करना भेदभाव को दूर करना ,भेदभाव से मुक्त होकर विश्व बंधुत्व की स्थापना करना जैसे वैश्विक मूल्यों को हस्तांतरण करने की प्रेरणा देने वाली यह प्रार्थना मराठी से अनूदित है। इस कविता में कहा गया है कि मानवता और बंधुता के प्रति प्रेम ही सच्ची पूजा है ।मनुष्य के आपसी भेदभाव समाप्त हो लोगों में लोभ और बेरभाव ना रहे सब एक दूसरे से प्रेम करें ।सब में सहयोग की भावना हो ।लोग एक दूसरे का दुख महसूस करें। इस प्रकार इस कविता में कवि ने 'सत्य, शिव ,सुंदर 'और विश्व बंधुत्व की भावना व्यक्त की है।
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शब्दार्थ
प्रार्थना | निवेदन करना |
मांगल्य | मंगलकारी |
नित्य | निरंतर |
आराधना | पूजा |
वेदना | कष्ट |
संवेदना | अनुभूति |
दुर्बल | कमजोर |
आसना | भक्ति |
धैर्य | धीरज |
अभ्यर्थना | अनुरोध |
अस्त | अंत |
बेर | दुश्मनी |
स्वाध्याय
विरोधी शब्द
दुःख | सुख |
जीवन | मृत्यु |
अस्त | उदय |
सुंदर | असुंदर |
एक | अनेक |
स्तय | असत्य |
पर्यायवाची शब्द
नित्य | निरंतर, सदा |
आस | आशा,भरोसा |
बेर | दुश्मनी |
वेदना | व्यथा,कष्ट |
सौर्य | वीरता |
साधना | उपासना |
निम्नलिखित प्रश्नो के उत्तर पाच या छ:वाक्य में लिखिए:
प्रश्न-1कवि कैसे 'मांगल्य'की आराधना करते है?
उत्तर-1 प्रस्तुत कविता में कवि ने मानवता और बन्धुता ।के प्रति प्रेम ही सच्ची पूजा है इस बारे में समझाया है मनुष्य के आपसी भेदभाव समाप्त हो। 'मांगल्य' अर्थात सबका कल्याण कवि चाहते हैं कि सब लोग सत्य के मार्ग पर चले सबके मन में सुंदर विचार आए और सब एक दूसरे के कल्याण की बात सोचे।
इस तरह कवि विश्व के कल्याण की कामना करते हुए मांगल्य की आराधना करते हैं।
प्रश्न-2 कवि की क्या अभ्यर्थना है?
उत्तर-2 कवि चाहते हैं कि मनुष्य के जीवन में नया प्रकाश आए। वह नई चेतना का अनुभव करें । उसके ह्दयमें सुंदर और नए विचार हो उसकी सभी आशाएं पूरी हो वह मनुष्यता की पूजा करें। सब लोग धीर -बीर बने ।
इस प्रकार कवि सबके कल्याण की कामना करते है।
प्रश्न-3 कवि के अनुसार किस के दुख दूर होने चाहिए?
उत्तर-3 कवि के अनुसार लोगों के जीवन में तरह-तरह के दुख के से छुटकारा पाने का उन्हें कोई मार्ग नहीं दिखाई देता उन्हें दूसरों की सहानुभूति भी नहीं मिलती वे स्वयं अपने दुखों से मुक्त नहीं हो सकते ऐसे असहाय लोगों के दुख दूर होने चाहिए।
निम्नलिखित प्रश्न के उत्तर दो या तीन वाक्य में लिखए।
प्रश्न-1 कवि संवेदना क्यों जताना चाहते हैं?
उत्तर-1 संवेदना के बिना हमें दूसरों की वेदना का अनुभव नहीं हो सकता इसलिए कवि लोगों में संवेदना जगाना चाहते हैं।
प्रश्न-2 'मानवता की हो उपासना 'का क्या अर्थ है?
उतर-2 लोग एक दूसरे की पीड़ा समझे और उसे दूर करने का प्रयास करें यही 'मानवता की उपासना 'है इस प्रकार कवि ने हमें मानवता की उपासना का अर्थ बताया है।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक एक वाक्य में लिखिए:
प्रश्न-1 कवि नित्य कैसी आराधना चाहते हैं?
उत्तर-1 कवि एक ऐसी नित्य आराधना चाहते हैं जिसमें सत्य सुंदर और मांगल्य की भावना हो।
प्रश्न-2 कवि किस की अभ्यर्थना करते हैं?
उत्तर-2 कभी सबके जीवन में नया प्रकाश आने की अभ्यर्थना करते हैं।
प्रश्न-3 कवि कैसी मनोकामना चाहते हैं?
उत्तर-3 कवि दुखी लोगों के दुख दूर हो ऐसी मनोकामना चाहते हैं।
प्रश्न-4 कवि कैसी बंधुता की कामना करते हैं?
उत्तर-4 सब लोग स्वतंत्र होने पर भी भाईचारे की भावना से जुड़े हो कवी ऐसी बन्धुताकी कामना करते हैं।
काव्य पंक्तियों को पूर्ण कीजिए:
(1) देह मंदिर चित्त मंदिर एक ही है ....... पौरुष की साधना।।
देह मंदिर ,चित्त मंदिर एक ही है प्रार्थना ।।
सत्य -सुंदर ममांगल्यकी नित्य हो आराधना।।
दुखिया रो का दुख जाए,है यही मनोकामना।।
वेदना को परख पाने जगाए संवेदना।।
दुर्बलों के रक्षणार्थ पौरुष की साधना।।
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