5 : धरती को महकाएँ 

26. निम्नलिखित शब्दों के वचन परिवर्तन कीजिए :

(1) फूल : .................. 
उत्तर : फूलों

(2) किरण : ............... 
उत्तर : किरणें

(3) किताब : ............... 
उत्तर : किताबें

(4) आँख : ................ 
उत्तर : आँखे

(5) दीया : ................ 
उत्तर : दीए

(6) पौधा : ................ 
उत्तर : पौधे

(7) पंखा : ............... 
उत्तर : पंखे

(8) इन्सान : ............ 
उत्तर : इन्सान

(9) पेन्सिल : ........... 
उत्तर : पेन्सिलें

27. नीचे दिए गए शब्दों में से उचित सर्वनाम चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए :

(आप, कोई, नई, गति, क्या, पानी, अपना, कुछ)

(1) तुम्हारा नाम..............है ।
उत्तर : क्या

(2) देखो तो.............इधर ही आ रहा है । 
उत्तर : कोई

(3) खाने के लिए............तो दे दो । बहुत भूख लगी है । 
उत्तर : कुछ

(4) मैंने...............काम पूरा कर दिया । 
उत्तर : अपना

(5) ...............कहाँ जा रहे हैं । 
उत्तर : आप

28. काव्य पंक्तियाँ पूर्ण कीजिए:

(1) बगिया के.......................सहते हैं ।

उत्तर : बगिया के फूलों को देखो,

कैसे खुश-खुश रहते हैं ।

आँधी हो, पानी हो चाहे,

सबको हँस-हँस सहते हैं ।


(2) दीपक को..................जग को करता है ।

उत्तर : दीपक को देखो कैसे यह,

हरदम जलता रहता है ।

अपना अंतर जला-जलाकर

रोशन जग को करता है ।


(3) आओ हम.................को महकाएँ ।

उत्तर : आओ हम भी इंसा बनकर,

जग में अपना नाम कमाएँ ।

अच्छे-सच्चे काम करें और

सारी धरती को महकाएँ ।


29. ‘वर्षाऋतु’ के बारे में अपनी नोटबुक में निबंध लिखिए ।

वर्षाऋतु

हमारा भारतवर्ष अनेक ऋतुओं का देश है । यहाँ पर प्रत्येक ऋतु अपनी प्राकृतिक शोभा के साथ आती है और अपने सौन्दर्य की छटा को चारों और फैला देती है । लेकिन सभी ऋतुओं की अपनी विशेषताएँ और महत्व है, किन्तु अपने मनोरम दृश्य तथा विविध उपयोगिता के कारण वर्षाऋतु का अपना विशेष महत्व है ।

वर्षा को ऋतुओं की रानी कहा जाता है । ये प्रचंड गर्मी भोगने के बाद आती है । भारत में वर्षाऋतु जून-जुलाई महीने में शुरु होती है और सितंबर के आखिर तक रहती है ।

वर्षाऋतु के कारण चारों और हरियाली छा आती है । सुहाना वातावरण रहता है । सभी पेड़-पौधे नयी हरी पत्तियों से भर जाते हैं तथा उद्यान व मैदान सुंदर दिखाई देने वाले हरे मखमल की घासों से ढ़क जाते है । नदियाँ, तालाब, गड्ठें आदि पानी से भर जाते है । कुदरत ने नया श्रृगांर किया हो एसा लगता है । यह ऋतु किसानों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है ।

वर्षाऋतु के ढेर सारे फायदे और नुकशान है । एक तरफ ये लोगों को गरमी से राहत हेती है तो दूसरी तरफ इसमें कई सारी संक्रमित बीमारियाँ फैलती है । चारों और कीचड़ हो जाती है । मच्छर-मक्खियाँ जो जाते है । गंदगी के कारण डायरिया, मलेरिया, जैसे रोग फैलते है ।

वर्षा से फसलों के लिए पानी मिलता है तथा सूखे हुए कुएँ, तालाबों तथा नदियों को फिर से भरने का कार्य वर्षा के द्वारा ही किया जाता है । कहा जाता है कि जल ही जीवन है इसीलिए हमें वर्षा के जल को संचित करके रखना चाहिए ।