3. सच्चा हीरा

1. ‘सच्चा हीरा‘ पाठ का साहित्य प्रकार बताइए ।

उत्तर : कहानी

 

2. पक्षी चहचहाते हुए अपने-अपने...............की ओर जा रहे थे ।

उत्तर : नीड़

 

3. स्त्रियाँ कहाँ बैठकर बातें करने लगी ?
उत्तर :
स्त्रियाँ कुएँ की पक्की जगह पर बैठकर बातें करने लगी ।

 

4. बातचीत करते-करते बात.................पर जा पहूँची ।

उत्तर : बेटों

 

5. पहली स्त्री का बेटा क्या करता था ?

उत्तर : गाता था ।

 

6. पहली स्त्री ने अपने बेटे की प्रशंसा कैसे की ?

उत्तर : पहली स्त्री ने अपने बेटे की प्रशंसा करते हुए कहा कि - ‘‘मेरा बेटा लाखों में एक है । उसका कंठ बहुत मधुर है । वह बहुत अच्छा गाता है । उसके गीत को सुनकर कोयल और मैना भी चूप हो जाती है । लोग बड़े चाव से उसका गीत सुनते है । ’’

 

7. किसने अपने बेटे को आधुनिक युग का भीम बताया ?

उत्तर : दूसरी स्त्री ने

 

8. दूसरी स्त्री ने अपने बेटे की तारीफ़ में क्या कहा ?

उत्तर : दूसरी स्त्री ने अपने बेटे की तारीफ़ करते हुए कहा - ‘‘मेरे बेटे की बराबरी कोई नहीं कर सकता । वह बहुत की शक्तिशाली और बहादुर है । वह बड़े-बड़े बहादुरों को भी पछाड़ देता है । वह आधुनिक युग का भीम है ।’’

 

9. तीसरी स्त्री ने अपने बेटे को किसका अवतार बताया ?

उत्तर : बृहस्पति

 

10. तीसरी स्त्रीने अपने बेटे की विशेषता में क्या कहा ?

उत्तर : तीसरी स्त्रीने अपने बेटे के बारे में कहा - ‘‘मेरा बेटा साक्षात् बृहस्पति का अवतार है । वह जो कुछ पढ़ता है , एकदम याद कर लेता है । ऐसा लगता है मानो उसके कंठ में सरस्वती का निवास है ।’’

 

11. चौथी स्त्री चुपचाप क्यों बैठी थी ?

उत्तर : चौथी स्त्री चुपचाप इस लिए बैठी थी, क्योंकि उसके बेटे में अन्य तीन स्त्रीयों के बेटों जैसी कुछ भी विशेषता नहीं थी ।

 

12. शक्ति और सामाथ्यँ में किसके बेटे की बराबरी कोई नहीं कर सकता ?

उत्तर : शक्ति और सामथ्यँ में दूसरी स्त्री के बेटे की बराबरी कोई नहीं कर सकता ।

 

13. ...................का बेटा देखने में बहुत सीधा-सादा और सरल प्रकृति का लग रहा था ।

उत्तर : चौथी स्त्री

 

14. चौथी स्त्री ने अपने बेटे का परिचय कैसे दिया ?

उत्तर : चौथी स्त्रीने अपने बेटे का परिचय देते हुए कहा - ‘‘मैं अपने बेटे की क्या प्रशंसा करुं ? वह न तो गंधर्व सा गायक है, न भीम-सा बलवान और न ही बृहस्पति सा बुद्धिमान । वह सीधा-सादा है ।’’

 

15. किसके बेटे अपनी माँ से पानी का घड़ा ले लिया ?

उत्तर : चौथी स्त्री के बेटे ने अपनी माँ से पानी का घड़ा ले लिया ।

 

16.  स्त्रियों की बातें कौन सुन रहा था ?

उत्तर : सभी स्त्रियों की बातें उनके पीछे चलती हुई एक वृद्ध महिला सुन रही थी ।

 

17. वृद्ध महिला ने किसके बेटे को सच्चा हीरा बताया ?

उत्तर : वृद्ध महिला ने चौथी स्त्री के बेटे को सच्चा हीरा बताया ।

 

18. नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए :

 (1) चौथी स्त्री का बेटा, सचमुच हीरा था । क्यो ?

उत्तर : चौथी स्त्री का  बेटा सचमुच हीरा था । क्योंकि उसने सिर सर पानी का घड़ा लेकर जाती अपनी माँ को अनदेखा नहीं किया । वह माँ के पास गया और उससे घड़ा लेकर अपने सिर पर रख लिया और घर की और चल पड़ा । माँ के प्रति सच्ची सेवा-भावना दिखाकर उसने सिद्ध कर दिया कि वह सच्चा हीरा है ।

(2) आदमी ‘सच्चा हीरा’ कैसे बन सकता है ?

उत्तर : आदमी अपने ज्ञान और गुण को कर्म में उतारकर, बड़ो की सेवा और जरूरतमंदो की मदद करके ‘सच्चा हीरा’ बन सकता है ।

 

19. निम्नलिखित शब्दों के अर्थ शब्दकोश में से ढूँढकर लिखिए :

(1) कामयाबी : .....................               
उत्तर : सफलता

(2) बपौती : .......................                           
उत्तर : पैतृक संपत्ति

(3) प्रतिभा : ......................                           
उत्तर : विलक्षण बुद्धिशक्ति

(4) अमीर : ........................                           
उत्तर :
धनवान

(5) व्यथा : .........................                
उत्तर : चिंता

(6) शोर्य : ......................                     
उत्तर : वीरता

(7) जाँच : ...................                       
उत्तर : परीक्षण

(8) रूचि : .....................                     
उत्तर : पंसद

(9) नियति : ...................                     
उत्तर : भाग्य

 

20. निम्नलिखित उक्ति कौन, किसे कहता है, लिखिए :

(1) ‘‘यही सच्चा हीरा है ।’’

उत्तर : वृद्ध महिला अन्य स्त्रियों से कहती है ।

(2) ‘‘माँ, लाओ मैं तुम्हारा घड़ा पहूँचा दूँ । ’’

उत्तर : चौथी स्त्री का बेटा उसकी माँ से कहता है ।

(3) ‘‘सुनो, मेरा हीरा गा रहा है ।’’

उत्तर : पहली स्त्री अन्य स्त्रियों से कहती हैं ।

(4) ‘‘देखो, यही है मेरी गोद का हीरा ।’’

उत्तर : तीसरी स्त्री अन्य स्त्रियों से कहती है ।

(5) ‘‘देखो, वह मेरा लाड़ला बेटा आ रहा है ।’’

उत्तर : दूसरी स्त्री अन्य स्त्रियों से कहती है ।

 

21. ढाँचे पर से कहानी लिखिए :

राजा का बीमार पड़ना-वैद्य की असफलता-किसी अनुभवी बूढ़े की सलाह-किसी सुखी मनुष्य का कुर्ता पहनो-राजा का कुर्ता खोजने जाना-महेनती किसान को देखना-सुख का राज़ समझना ।

उत्तर :                    भरतपुर नामक राज्य में उदयसिंफ नामक राजा था । वह बड़ा ही प्रजा-वत्सल था । एक बार वे बीमार पड़ गए । उनके इलाज के लिए राजवैद्य को बुलाया गया, फिर भी कुछ फायदा नहीं हुआ ।

                             राजा की बीमारी बढ़ती गई । सभी उनके स्वास्थ को लेकर चितिंत हो गए । तभी एक वृद्ध अनुभवी व्यक्ति ने उन्हें सलाह देते हुए कहा कि - ‘‘यदि आप किसी सुखी मनुष्य का कुर्ता पहनेंगे तो आप स्वस्थ हो जाएँगे ।’’ सलाह मानकर राजा सुखी मनुष्य के कुर्ते की खोज में निकल गए  । काफी तलाश के बाद राजा एक खेत में पहूँचे । उन्हों ने किसान से पूछा - ‘‘ क्या तुम सुखी हो? ’’ किसानने ‘हा’ कहा । किसान का उत्तर सुन राजा ने उससे उसका कुर्ता माँगा । तब देखा कि वह जेठ की धूप में सिर्फ धोती पहने हुए है । परंतु वह संतुष्ट है । राजा समझ गए कि कठिन श्रम के कारण एवं संतुष्ट प्रवृति के कारण यह सुखी है । राजा ने तब से आराम छोड़  परिश्रम करने का संकल्प किया । थोड़े ही दिनों में राजा का स्वास्थ ठीक हो गया ।

 

22. निम्नलिखित कहानी का सारांश लिखिए :

                   नंदनवन में एक छोटा-सा तालाब था । तालाब के शीतल जल में राजहंस रहता था । वह बड़ा सुंदर था । उसी तालाब के पासवाले पेड़ पर दृष्ट कौआ रहता था । वह राजहंस की सुंदरता पर ईष्याँ करता था ।

                   एक दिन शिकारी थका हुआ तालाब के पास आया । उसने तालाब से पानी पिया और पेड़ के नीचे विश्राम करने लगा । उसे नींद गई । कुछ देर बाद शिकारी के मुँह पर धूप आने लगी । राजहंस को दया आ गई । राजहंस ने वृक्ष पर बैठकर अपने पंख फैला दिये । जिससे शिकारी के मुँह पर छाया आ गई । कौए से हंस की भलाई और शिकारी की सुखद नींद देखी नहीं गई । उसने शिकारी को परेशान करने का सोचा, ताकि शिकारी हंस को मार डाले । कौआ उड़ता हुआ शिकारी के पास गया और उसके सिर पर चोंच मारी और उड़कर दूर जा बैठा । शिकारी तुरंत जाग गया और क्रुद्ध हो गया । उसने पेड़ पर देखा तो राजहंस पंख फैलाए बैठा था । शिकारी ने सोचा, यह कार्य इसी हंस का है । उसने राजहंस को मारने के लिए बाण चलाया,  लेकिन राजहंस उसकी आवाज सुनकर उड़ गया ।

उत्तर :                    हमे राजहंस की तरह दयालू बनाना वाहिए । अगर कोई तकलीफ़ में है तो हमे उसकी मदद करनी चाहिए । चाहे अनजाने में वह हमारे साथ बुरा व्यवहार करे तब भी उसके बारे में हमें बुरा नहीं सोचना चाहिए या बदले की भावना नहीं रखनी चाहिए । हमें अपनी भलाई नहीं छोड़नी चाहिए । हमे कौए की तरह ईर्षालू नहीं बनना चाहिए । किसीके अच्छे कामों से जलना नहीं चाहिए बल्कि उसकी मदद करनी चाहिए । सदा सर्तक भी रहना चाहिए ।