27. लिंग परिवर्तन करके उनका वाक्य में प्रयोग कीजिए :
(1) मेढ़क
उत्तर : मेढ़की
वाक्य : कुँए में मेढ़क और मेढ़की हैं ।
(2) साँप
उत्तर : साँपिन
वाक्य : खेत में साँप और साँपिन रहते हैं ।
(3) मोर
उत्तर : मोरनी
वाक्य : बादल देखकर मोर और मोरनी नृत्य कर रहे हैं ।
(4) देव
उत्तर : देवी
वाक्य : मंदिर में देव-देवी की पूजा होती है ।
(5) कुम्हार
उत्तर : कुम्हारिन
वाक्य : कुम्हार और कुम्हारिन सुंदर घड़े बनाते हैं ।
(6) शेर
उत्तर : शेरनी
वाक्य : शेर-शेरनी जंगल में रहते हैं ।
(7) तरूण
उत्तर : तरूणी
वाक्य : तरूण और तरूणी बाग में जा रहे हैं ।
(8) नाग
उत्तर : नागीन
वाक्य : नाग और नागिन फूफकार रहे हैं ।
(9) डॉक्टर
उत्तर : डॉक्टरनी
वाक्य : डॉक्टर और डॉक्टरनी मरिजों का इलाज करते हैं ।
(10) हिरन
उत्तर : हिरनी
वाक्य : महादेवी वर्मा ने एक हिरन और हिरनी पाले थे ।
(11) ग्वाला
उत्तर : ग्वालिन
वाक्य : ग्लावा और गलाविन दूध बेच रहे हैं ।
(12) ऊँट
उत्तर : ऊँटनी
वाक्य : ऊँट-ऊँटनी रेगिस्तान में अच्छी तरह से चलते हैं ।
(13) कुमार
उत्तर : कुमारी
वाक्य : हमारी रक्षा में बीस कुमार और कुमारी हैं ।
(14) बाघ
उत्तर : बाघिन
वाक्य : बाघ और बाघिन गरज रहे हैं ।
(15) जादुगर
उत्तर : जादूगरनी
वाक्य : जादुगर और जादुगरनी का खेल बच्चों को अच्छा लगा ।
28. नीचे संज्ञा से बनने वाले विशेषण शब्द दिए गए हैं, उनका वाक्य में प्रयोग करके लिखिए :
(1) धर्म – धार्मिक
उत्तर : गर्मी की छुट्टियों में हमने धार्मिक स्थलों की मुलाकात ली ।
(2) रंग –रंगीन
उत्तर : आकाश में रंगीन पतंगे उड़ रही हैं ।
(3) लोभ-लोभी
उत्तर : लोभी व्यक्ति से दूर रहने में ही भलाई हैं ।
(4) भारत – भारतीय
उत्तर : हम सब भारतीय हैं ।
(5) चमक - चमकीला
उत्तर : हीरा चमकीला पदार्थ होता हैं ।
(6) शक्ति – शक्तिमान
उत्तर : वह सभी काम करने में शक्तिमान हैं ।
(7) गुण – गुणवती
उत्तर : गुणवती लड़कीयाँ सभी पसंद होती है ।
(8) बल – बलवान
उत्तर : भीम बहुत बलवान थे ।
(9) दया – दयावान
उत्तर : स्वभाव से दयावान मनुष्य सभी की मदद करते हैं ।
(10) दर्शन – दर्शनीय
उत्तर : भारत में कई दर्शनीय स्थल है ।
29. विरामचिह्नों का उपयोग करके परिच्छेद फिर से लिखिए और अनुवाद कीजिए :
दुर्गावती बचपन से ही बहादुर थीं उन्हें युद्ध करनें में अपूर्व धैर्य दूरदर्शिता अटूट साहस और स्वाभिमान जैसे गुण विरासत में मिले थे जहाँ वे सुशील कोमल अति सुंदर और भावुक थी वहीं दूसरी और से वीर साहसी और अस्त्र-शस्त्र चलाने में भी निपुण थी शिकार खेलने में उन्हें विशेष रूचि थी वे तीर और बंदूक का अचूक निशाना लगाने में भी कुशल थी
उत्तर : दुर्गावती बचपन से ही बहादुर थीं । उन्हें युद्ध करने में अपूर्व धैर्य, दूरदर्शिता, अटूट साहस और स्वाभिमान जैसे गुण विरासत में मिले थे । जहाँ वे सुशील, कोमल, अति सुंदर और भावुक थीं, वहीं दुसरी और वे वीर, साहसी और अस्त्र-शस्त्र चलाने में भी निपुण थी । शिकार खेलने में उन्हें विशेष रूचि थी । वे तीर और बंदुक का अचुक निशाना लगाने में कुशल थी ।
અનુવાદ : દુર્ગાવતી બાળપણથી જ બહાદુર હતાં. તેમને યુદ્ધ કરવામાં અપૂર્ણ ધૈર્ય, દૂરંદેશીપણૂં, અખંડ સાહસ અને સ્વાભિમાન જેવા ગુણ વારસામાં મળ્યા હતાં. જ્યાં તેઓ સુશીલ, અત્યંત સુંદર અને ભાવુક હતાં, ત્યાં બીજી બાજુ તેઓ વીર, સાહસી અને અસ્ત્ર–શસ્ત્ર વાપરવામાં પણ કુશળ હતાં. શિકાર કરવામાં તેમને વિશેષ રૂચિ હતી. તેઓ તીરથી અને બંદૂકથી નિશાન તાકવામાં પણ કુશળ હતાં.
30. निम्नलिखित रूपरेखा के आधार पर कहानी अपनी नोटबुक में लिखिए :
एक जंगल – तालाब के किनारे कौआ, हिरन, चूहा और कछुआ - चारों मित्र – हिरन का जाल में फँस जाना – कौए का देखना – उड़ते हुए चुहे के पास पहुँचना – कौए का चूहे को पीठ पर बिठाकर लाना – चूहे का जाल काटना – हिरन जाल से मुक्त – चूहे का झाड़ी में छीपना – शिकारी का गुस्से होना – कछुआ पकड़ना चाहा – कछुए का तालाब मे सरक जाना – शिकारी का हाथ मलना – कौआ, हिरन, चूहा और कछुए का मित्रता निभाना – बोध ।
उत्तर : एक जंगल था । जंगल में एक सुंदर तालाब था । तालाब के किनारे एक नीम का पेड़ था । पेड़ पर एक कौआ और पेड़ के नीचे बील में एक चूहा रहता था । तालाब से थोड़े दूर एक हिरन और तालाब में एक कछुआ रहता था । इन चारों मे गहरि मित्रता थी । चारो हररोज घंटो तक साथ में रहते थे और आनंद करते थें । एक दिन जंगल में एक शिकारी आया । उसने हिरन को अपनी जाल में फँसाया । अब शिकारी कुछ देर के लिए अपने काम से वहाँ से चला गया । यहाँ अपने मित्र को न देख कौआ उसे ढूँढता हुआ, वहाँ आ पहूँचा । उसकी नजर अपने मित्र पर पड़ी । जाल में फँसे अपने मित्र को देख वह तो तुरंत काव्....काव्....काव् करता उड़ता हुआ अपने साथी मित्रो के पास आया और सारी बात बताते हुए कहा कि हमारा मित्र हिरन बड़े ही संकट में है ।
अब तीनो मित्रो ने हिरन को बचाने के लिए एक तरकीब सोची । तरकीब के अनुसार चूहा कौए की पीठ पर बैठ गया और दौनो हिरन जहाँ फसा था वहाँ आ पहूँचे । कछुआ भी धीरे धीरे चलकर उसी जगह आ पहूँचा । मित्रों को देखकर हिरन को तसल्ली हुई । मित्रों ने उसे अपनी तरकीब बताई और हिम्मत दी । तरकीब के अनुसार चूहे ने जाल काटकर हिरन को मुक्त कर दिया और झाड़ी में छीप गया । कुछ देर बाद शिकारी बहाँ आया तो उसने हिरन को देखा नहीं । वह निराश और गुस्से हुआ पर कछुए को देखकर खुश हुआ । उसने कछुए को पकड़ना चाहा लेकिन कछुआ पास के तालाब में सरक गया । तब हिरन और चूहा भी दूर निकल चूके थे ।
ऐसे तीनो मित्रो ने मिलकत अपने प्यारे दोस्त हिरन को बचा लिया और सब साथ में मिलकर खुशी से झुमने लगी ।
बोध : मित्र को मुसिबत में सहायता करके उसका साथ मिलना चाहिए ।
31. समानार्थी शब्द लिखिए :
(1) पथ = ..................
उत्तर : रास्ता
(2) उपस्थित = ..................
उत्तर : हाजिर
(3) हस्ताक्षर = ..................
उत्तर : दस्तख़त
(4) अदभूत = ..................
उत्तर : अनोखा
(5) दृढ़ = ..................
उत्तर : मजबूत
(6) आभूषण = ..................
उत्तर : गहना
(7) घटना = ..................
उत्तर : प्रसंग
(8) आयोजन = ..................
उत्तर : इंतज़ाम
(9) त्याग = ..................
उत्तर : बलिदान, समर्पण
32. विरोधी शब्द लिखिए :
(1) छोटा ..................
उत्तर : बड़ा
(2) जवाब ..................
उत्तर : सवाल
(3) स्वीकार ..................
उत्तर : अस्वीकार
(4) हानि ..................
उत्तर : लाभ
(5) सत्य ..................
उत्तर : असत्य
(6) मान ..................
उत्तर : अपमान
(7) उपस्थित ..................
उत्तर : अनुपस्थित
(8) आज्ञा ..................
उत्तर : अवज्ञा
(9) गुण ..................
उत्तर : दोष, अवगुण
33. निम्नलिखित कहावतों का अर्थ लिखिए :
(1) आये थे हरि भजन को ओटन लगे कपास
उत्तर : अच्छा काम छोड़कर महत्त्वीन काम में लगना ।
(2) उलटा चोर कोटवाल को डाँटे
उत्तर : अपराधी द्वारा निर्दोष को धमकाना ।
(3) कंगाली में आटा गीला
उत्तर : मुसीबत में और मुसीबत आना ।
(4) जो गरजते हैं, वे काम नहीं करते ।
उत्तर : जो डींग मारते हैं, वे काम नहीं करते ।
(5) एक तो करेला ऊपर से नीम चढ़ा
उत्तर : एक दोष के साथ दूसरा दोष भी लगना ।
(6) ऊँची दुकान फीका पकवान
उत्तर : प्रसिद्धि के अनुरूप न होना ।
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