1. कहानी के आधार पर दी गई खाली जगह भरें :
कौआ और मुर्गी
                        कौआ और मुर्गी दोंनो एक घर में रहते थे । कौआ दाना लाता था । मुर्गी भी दाना लाती थी । ऐसा केरते–करते घर में बहुत दाना जमा हो गया । एक दिन कौए ने कहा ‘‘मैं चावल लेने जाता हूँ, तू घर का दरवाजा बन्द रखना नहीं तो कोई दाने ले जाएगा ।’’
                        थोड़ी देर बाद एक घोड़ा आया । घोडे ने कहा, ‘‘मुर्गी मुर्गी दरवाजा खोल और मुझे दाना दे ।’’ मुर्गी ने कहा, ‘‘नहीं, नहीं मैं दाना नही दूँगी ।’’ घोड़े ने कहा, ‘‘मुर्गी, मुझे दाना दे, मुझे बहुत भुख लगी है ।’’
                        मुर्गी को दया आ गई । उसने सारे दाने घोड़े को दे दिए । अब मुर्गी सोचने लगी, कौआ दाना माँगेगा तो में कहाँ से दूँगी ? मुर्गी बहुत घबरा गई । जब कौआ दाना लेकर घर लौटा तब मुर्गी चक्की के पीछे छिप गई । कौए ने आवाज़ लगाई, ‘‘मुर्गी, मुर्गी, तू कहाँ है?’’ डर के मारे मुर्गी चुप रही । एक आवाज़ भी नहीं निकाली ।
                        उस समय एक बिल्ली घर में आई । बिल्ली ने कहा, ‘‘मुर्गी, मुझे अपनी चक्की दे । मुझे दाना पीसना है ।’’ कौए ने कहा, ‘‘मुर्गी तो घर में नहीं है । तू अपना दाना यहीं लाकर पीस ले ।’’ बिल्ली दाना ले आई और पीसने को बैठी । बिल्ली ने दाना चक्की में डाला । मुर्गी ने चट उसे मुँह में भर लिया । बिल्ली ने और दाना चक्की में डाला । मुर्गी ने उसे भी चट कर लिया । बिल्ली पीसने लगी पर आटा न निकला । ये देख बिल्ली दु:खी हुई ।
                        बिल्ली ने सारी बात कौए को बताई । कौआ भी बहुत चकित हुआ । कौआ सोचने लगा दाना कहाँ होगा । ढूँढते-ढूँढते उसने चक्की के पीखे देखा । वहाँ मुर्गी मुँह में दाने भरे बैठी थी । उसका मुँह दाने से एकदम फूल गया था । उसे देख कौआ हँस । उसे देख बिल्ली भी बहुत हँसी । दोनो हँसे तो मुर्गी को भी जोर से हँसी आई । वो हँसी और उसके मुँह से सारे दाने निकल पड़े ।

2. घर में कौन-कौन रहता था ?
उत्तर :
घर में कौआ और मुर्गी रहते थे ।

3. दाना कौन लाता था ?
उत्तर :
कौआ और मुर्गी

4. एक दिन कौआ क्या लेने गया ?
उत्तर :
चावल

5. मुर्गी से दाना माँगने कौन आया ?
उत्तर :
मुर्गी से दाना माँगने के लिए घोड़ा आया ।

6. घोड़ा दाना क्यों माँग रहा था ?
उत्तर :
घोड़े को बहुत भुख लगी थी । इसलिए वह दाना माँग रहा था ।

7. मुर्गी डरकर कहाँ छिप गई ?
उत्तर :
मुर्गी डरकर चक्की के पीछे छीप गई ।

8. बिल्ली क्या माँगने आई थी ?
उत्तर :
चक्की

9. बिल्ली को चक्की क्यों चाहिए थी ?
उत्तर :
बिल्ली को दाना पीसने के लिए चक्की चाहिए थी ।

10. चक्की से आटा क्यों नहीं निकल रहा था ?
उत्तर :
बिल्ली के चक्की में दाना डालते ही मुर्गी उसे मुँह में भर लेती थी । इसलिए चक्की से आटा नहीं निकल रहा था ।

11. ………का मुँह दाने से एकदम फूल गया था ।
उत्तर :
मुर्गी

12. ढाँचे के आधार पर कहानी का कथन और लेखन कीजिए :
एक बादशाह-वजीर की निवृति के बाद उस पद के लिए उम्मीदवार बुलवाना-कठिन परिक्षा-तीन उम्मदवारों का बादशाह तक पहुँचना-बादशाह का तीनों को एक ही सवाल-‘‘मेरी और तुम्हारी दाढ़ी में एक साथ आग लग आए तो क्या करोंगे?’’ पहला-मैं पहले अपनी दाढ़ी की आग बुझाऊँगा । -बादशाह –पहला स्वार्थी, दूसरा नादान एवं तीसरा बृद्धिमान है, अत: तीसरे को वजीर पद के लिए नियुक्त करना ।
उत्तर : देवनगर नाम एक राज्य था । वहाँ एक बादशाह था । वजीर की अधिक उम्र और स्वास्थ्य ठीक न रहने के कारण बादशाह ने अपने वजीर को निवृत कर दिया था । वजीर के पद के लिए नए उम्मीदवार बुलवाए । उन सभी की कठिन परीक्षा ली गई । परीक्षा में सफल तीन उम्मीदवारों को बादशाह के पास भेजा गया । उन्हीं तीन में से कीसी एक को वजीर चुनना था । बादशाह ने बारी-बारी से तीनों को अपने पास बुलाया और प्रत्येक उम्मीदवार से एक ही सवाल पूछा, ‘‘मेरी और तुम्हारी दाढ़ी में एक साथ लग जाए तो तुम क्या करोगे ?’’
                    पहले उम्मीदवार ने कहा, ‘‘में पहले अपनी दाढीं की आग बुझाऊँगा ।’’ दूसरे ने कहा, ‘‘मैं पहले आपकी दाढ़ी की आग बुझाऊँगा ।’’ तीसरे ने कहा, ‘‘मैं एक हाथ से आपकी और दूसरे हाथ से अपनी दाढ़ी की आग बुझाऊँगा ।’’
                    तीनों उम्मीदवारों के उत्तर सुनकर बादशाह ने कहा; ‘पहले उम्मीदवार की बात से लगता है कि वह स्वार्थी है । दुसरा नादान है, परन्तु तीसरे के उत्तर से मालूम होता है कि वह बुद्धिमान है । बादशाह ने तीसरे उम्मीदवार को नए वजीर के पद पर नियुक्त कर लिया ।
   
13. कहानी आगे बढ़ाइए :
एक चरवाहा था । एक बार जंगल की ओर बकरियां चराने गया । चहवाहा पेड़ के नीचे बैठा था और एक बकरी अकेली थोड़े दूर निकल गई । वहाँ कहीं से एक भेड़िया आ पहुँचा । उसने बकरी से कहा, ‘‘मै तुझे खाऊँगा....।’’
अब आप बकरी की जान बचाकर कहानी पूर्ण कीजिए ।
उत्तर : एक चरवाहा था । एक दिन वह अपनी बकरियों को जंगल में ले गया । बकरियाँ वहाँ चरने लगीं । चरवाहा पेड़ के नीचे बैठा आराम कर रहा था । एक बकरी चरते हुए जंगल में दूर चली गई । वहाँ कहीं से एक भेडियाँ आ पहुँचा ।
                उसने बकरी से कहा, ‘‘मैं तुझे खाऊँगा ।’’ बकरी बोली, ‘‘तुम मुझे भले ही खा लेना । लेकिन पहले मेरा गाना तो सुन लो ।’’
                बकरी मैं-मैं करने लगी । उसकी अवाज सुनकर गडरियाँ वहाँ आ पहूँचा । उसके हाथ में लाठी थी । गडरिए को देखते ही भेड़िया डरकर वहाँ से भाग गया । इस प्रकार बकरी ने अपनी चतुराई से खुद की जान बचा ली ।
सीख : संकट से समय बृद्धि से काम लेना चाहिए ।

14. दिए गए ढाँचे के आधार पर कहानी अपनी नोटबुक में लिखकर उसे उचित शीर्षक दीजिए :
एक नाई-चमत्कारी मुर्गी मिलना-मुर्गी मिलना-मुर्गी का रोज सोने का एक अंडा देना-नाई का अमीर हो जाना-शहर भर में चर्चा-इज्ज़त करना-सारा सोना एक साथ पाने की लालसा जागना-मुर्गी को मार डाला-अंडे मिलना बंद होना-लालच में सोने के सब अंडे खो देना-सीख ।
उत्तर : लालच का बुरा फल रामपुर में एक गरीब नाई रहता था । वह दिनभर लोगों के लाल काटता और जो कुछ मिलता उससे अपना और अपने परिवार का गुजारा चलाता था । एक दिन नाई को कहीं से एक मुर्गी मिल गई । वह मुर्गी रोज सुबह सोने का एक अंडा देती थी । नाई इज्ज़त बढ़ गई ।
                    एक दिन नाई ने सोचा-‘‘यह मुर्गी रोज का एक अंडा देती है । इसके पेट में तो सोने के बहुत अंडे होंगे । यदि इसे चीरकर सारे अंडे एकसाथ निकाल लूँ, तो रोजरोज ही यह खटपट दूर हो जाएगी । मैं एक ही दिन में मालामाल हो जाऊँगा ।’’ ऐसा सोचकर नाई ने एक तेज़ चाकू से मुर्गी का पेट चीर डाला । मुर्गी जोर से चीखी और थोड़ी देर छटपटकार मे गई । वह एक साधारण मुर्गी थी । उसके पेट में एक भी अंडा नहीं था । नाई के पछतावे का पार न रहा । पर अब पछताने से क्या होनेवाला था ?
सीख : लोभ या लालच का नतीजा बुरा होता है ।

15. नीचे दिए गए चित्र के आधार पर कहानी लेखन अपनी नोटबुक में कीजिए :
उत्तर :
 
                    
                        एक जगंल में एक शेर रहता था । वह रोज जंगल में कई जानवतरों का शिकार करता था । एक दिन जंगल में पशुओं ने मिलकर उससे प्रार्थना की, ‘महाराज, हम प्रतिदिन निश्चित समय पर एक जानवर आपके पास भेज दिया करेंगे । आप रोज इतने पशुओं की हत्या न करें ।’’ शेर ने पशुओं की प्रार्थना स्वीकार कर ली ।
                       अब रोजाना वादे के मुताबिक निश्चित समय पर एक जानवर शेर के पास आने लगा । एक दिन एक खरगोश की बारी आई । वह जान-बूझकर शेर के पास देरी से पहूँचा । शेर को बहुत गुस्सा आया । उसने खरगोश से देरी से आने का कारण पूछा । खरगोश ने जवाब दिया, ‘‘महाराज, रास्ते में मुझे एक दूसरा शेर मिल गया था । वह मुझे मारकार खाना चाहता था । उससे में जल्ही लौटने का वादा कर आपके पास आया हूँ ।’’
                यह सुनकर शेर को बहुत गुस्सा आया । वह गरजकर बोला,‘‘चल, दिखा मुझे, कहाँ है वह शेर ?’’ खरगोश शेर को एक गहरे कुएँ के पास ले गया और बोला, ‘‘महाराज, इसी में वह दृष्ट छिपा है !’’
                शेर ने कुएँ में झाँका । कुएँ के पानी में उसे अपनी परछाई दिखाई दी । उसी को दूसरा शेर समझकर वह कुएँ में कूद पड़ा और डूबकर मर गया । खरगोश की जान बच गई । जंगल के सभी जानवरों ने खरगोश को धन्यवाद दिया ।

16. शब्दों भेद को जानकर उसका वाक्य में प्रयोग कीजिए :
(1) आदि : आदी
उत्तर :
आदि : प्रसंग वाक्य :वाल्मिकी आदि कवि थे ।
आदी : अभ्यस्त वाक्य : मनुष्य नवीनता को स्वीकारने का आदी हो गया है ।

(2) अपेक्षा : उपेक्षा
उत्तर :
अपेक्षा : इच्छा वाक्य : जन्मदिन पर राहूल को उसकी अपेक्षा अनुसार उपहार मिले ।
उपेक्षा : अवगणना वाक्य : कभी किसी की उपेक्षा नहीं करनी चाहिए ।

(3) अशक्त : आसक्त
उत्तर :
अशक्त : असमर्थ वाक्य : मेरे पैर में चोट लगने के कारण चलने में अशक्त हूँ ।
आसक्त : मुग्ध वाक्य : चित्रकार की कला पर सभी आसक्त हो गए ।

(4) गृह : ग्रह
उत्तर :
गृह : घर वाक्य : मेरे गृह के पास एक मंदिर है ।
ग्रह : बुध, शुक्र, पृथ्वी आदि ग्रह वाक्य : शिक्षक ने छात्रों को ग्रहों के बारे में समझाया ।

(5) बहार : बाहर
उत्तर :
बहार : वंसत वाक्य : पतझड़ का मौसम जाते ही वृक्षों पर बहार आ गई ।
बाहर : कहीं से बाहर वाक्य : मेरे घर के बाहर बगीचा है ।

(6) शौक : शोक
उत्तर :
शौक : चाव वाक्य : मुझे क्रिकेट खेलने का शौक है ।
शोक : उदासी वाकय : किशन आज शोकग्रस्त दिखाई दे रहा है ।

17. ढाँचे पर से कहानी लिखिए :
एक कुत्ता-मुँह में रोटी का टुकड़ा-छोटे पुल पर से जाना-पानी में अपनी परछाई देखना-परछाई को दुसरा कुत्ता समझना-रोटी का टुकड़ा छीन लेने के लिए भौंकना-अपना टुकड़ा गँवाना-सीख ।
उत्तर : 
कुत्ते की लालच
                    एक बार एक कुत्ते को कई दिनों तक खाने के लिए कुछ न मिला, उसे बहुत भूख लगी थी । तभी किसी ने उसे एक रोटी दे दी, कुत्ता जब खाने लगा तो उसने देखा दूसरे कुत्ते भी उससे रोटी छिनना चाहते हैं । इसलिए मुँह में रोटी दबाए, वह किसी सुरक्षिर स्थान को खोजने के लिए निकल पड़ा । थोड़ी दूर पर उसे एक लड़की का पुल दुखाई दिया । कुत्ते ने सोचा –चलो, दूसरी तरफ जाकर आराम से रोटी खाता हूँ ।
                    कुत्ता डरते-डरते उस छोटे से पुल पर से जा रहा था । तभी उसकी नजर पानी में पड़ी तो देखता है कि एक कुत्ता रोटी मुँह में दबाये नीचे पानी में खड़ा है । उसे नहीं पता था कि वह अपनी ही परछाई को दुसरा कुत्ता समझ रहा था ।
                    कुत्ते ने सोचा कि मैं यह रोटी भी इससे छीन लूं तो भरपेट खा सकूँगा । इस तरह रोटी छीनने के लिए पानी में दिखाई देनेवाले कुत्ते पर भौंका । भौंकने के लिए मुँह खोलते ही उसकी रोटी पानी में जा गिरी । इस तरह उसे अपनी रोटी भी गँवानी पड़ी और भूखा ही रहना पड़ा ।